28 अगस्त, 2014 तक देश में 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण क्षमता की स्थिति
28 अगस्त, 2014 की स्थिति के अनुसार देश में 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण क्षमता 102.741 बीसीएम थी, जो इन जलाशयों की कुल वर्तमान भंडारण क्षमता का 66 प्रतिशत है। यह भंडारण क्षमता पिछले दस वर्षों की 100 प्रतिशत भंडारण के औसत के सापेक्ष गतवर्ष इस अवधि के भंडारण का 83 प्रतिशत है। चालू वर्ष के दौरान भंडारण की यह क्षमता गतवर्ष की भंडारण की स्थिति से कम है किन्तु पिछले दस वर्षों की औसत भंडारण से बेहतर है।
केन्द्रीय जल आयोग देश के 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की साप्ताहिक आधार पर भंडारण की स्थिति पर निगरानी रखता है। इन जलाशयों में 60 मेगावाट से अधिक स्थापित क्षमता युक्त पनबिजली वाले 37 जलाशय शामिल हैं। इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 155.046 बीसीएम है जो देश में सृजित 253.388 बीसीएम अनुमानित भंडारण क्षमता का करीब 61 प्रतिशत है।
क्षेत्रवार भंडारण की स्थिति:-
उत्तर क्षेत्र
उत्तर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं। इस क्षेत्र में 6 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 18.01 बीसीएम है। इन जलाशयों की उपलब्ध कुल भंडारण क्षमता 13.88 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 77 प्रतिशत है। इन जलाशयों की पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि के लिए औसत भंडारण क्षमता 73 प्रतिशत की तुलना में गतवर्ष की संबंधित अवधि के दौरान भंडारण क्षमता 91 प्रतिशत थी। इस प्रकार चालू वर्ष के दौरान भंडारण पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि के मुकाबले कम रहा किन्तु पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि के लिए औसत भंडारण की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कही बेहतर है।
पूर्व क्षेत्र
पूर्व क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा शामिल हैं। इस क्षेत्र में 15 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 18.83 बीसीएम है। इन जलाशयों की उपलब्ध कुल भंडारण क्षमता 11.96 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 64 प्रतिशत है। पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि में कुल जलाशयों की भंडारण क्षमता 61 प्रतिशत थी, जिसकी तुलना में गतवर्ष के दौरान इनकी भंडारण क्षमता 70 प्रतिशत रही। इस प्रकार पिछले वर्ष की संबंधित अवधि के मुकाबले चालू वर्ष में भंडारण कम रहा किन्तु पिछले दस वर्षों की संबंधित अवधि के औसत भंडारण से बेहतर रहा।
पश्चिम क्षेत्र
पश्चिम क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 22 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 24.54 बीसीएम है। इन जलाशयों में कुल जल का भंडारण 15.12 बीसीएम है जो इन जलाशयों की भंडारण क्षमता का 62 प्रतिशत है। पिछले दस वर्षों की संबंधित अवधि के दौरान इन जलाशयों की औसत भंडारण क्षमता 68 प्रतिशत थी। और गतवर्ष के दौरन यह भंडारण 74 प्रतिशत था। इस प्रकार चालू वर्ष के दौरान पिछले वर्ष के भंडारण के मुकाबले जल भंडारण कम रहा और इसी प्रकार पिछले दस वर्षों के औसत भंडारण से भी कम रहा।
मध्य क्षेत्र
मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 12 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 42.30 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल जल का भंडारण 30.61 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 72 प्रतिशत है। इन जलाशयों की भंडारण क्षमता पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि में 56 प्रतिशत था और गतवर्ष संबंधित अवधि में जल का भंडारण 83 प्रतिशत था। इस प्रकार चालू वर्ष के दौरान जल भंडारण पिछले वर्ष के मुकाबले कम रहा किन्तु पिछले दस वर्षों के औसत भंडारण से बेहतर रहा।
दक्षिण क्षेत्र
दक्षिण क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 30 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 51.37 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल भंडारण क्षमता 31.18 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 61 प्रतिशत है। पिछले दस वर्षों की संबंधित अवधि के दौरान इन जलाशयों की औसत भंडारण क्षमता 73 प्रतिशत थी और गतवर्ष के दौरान यह भंडारण 78 प्रतिशत था। इस प्रकार गतवर्ष की संबंधित अवधि की अपेक्षा वर्तमान वर्ष के दौरान जल का भंडारण कम रहा और पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि के औसत भंडारण से यह कम है।
झारखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्यों में संबंधित अवधि के लिए गतवर्ष की तुलना में बेहतर भंडारण रहा। वहीं दूसरी और, संबंधित अवधि के लिए हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पिछले वर्ष की तुलना में कम भंडारण रहा।
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28 अगस्त, 2014 की स्थिति के अनुसार देश में 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की भंडारण क्षमता 102.741 बीसीएम थी, जो इन जलाशयों की कुल वर्तमान भंडारण क्षमता का 66 प्रतिशत है। यह भंडारण क्षमता पिछले दस वर्षों की 100 प्रतिशत भंडारण के औसत के सापेक्ष गतवर्ष इस अवधि के भंडारण का 83 प्रतिशत है। चालू वर्ष के दौरान भंडारण की यह क्षमता गतवर्ष की भंडारण की स्थिति से कम है किन्तु पिछले दस वर्षों की औसत भंडारण से बेहतर है।
केन्द्रीय जल आयोग देश के 85 महत्वपूर्ण जलाशयों की साप्ताहिक आधार पर भंडारण की स्थिति पर निगरानी रखता है। इन जलाशयों में 60 मेगावाट से अधिक स्थापित क्षमता युक्त पनबिजली वाले 37 जलाशय शामिल हैं। इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 155.046 बीसीएम है जो देश में सृजित 253.388 बीसीएम अनुमानित भंडारण क्षमता का करीब 61 प्रतिशत है।
क्षेत्रवार भंडारण की स्थिति:-
उत्तर क्षेत्र
उत्तर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं। इस क्षेत्र में 6 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 18.01 बीसीएम है। इन जलाशयों की उपलब्ध कुल भंडारण क्षमता 13.88 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 77 प्रतिशत है। इन जलाशयों की पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि के लिए औसत भंडारण क्षमता 73 प्रतिशत की तुलना में गतवर्ष की संबंधित अवधि के दौरान भंडारण क्षमता 91 प्रतिशत थी। इस प्रकार चालू वर्ष के दौरान भंडारण पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि के मुकाबले कम रहा किन्तु पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि के लिए औसत भंडारण की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कही बेहतर है।
पूर्व क्षेत्र
पूर्व क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा शामिल हैं। इस क्षेत्र में 15 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 18.83 बीसीएम है। इन जलाशयों की उपलब्ध कुल भंडारण क्षमता 11.96 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 64 प्रतिशत है। पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि में कुल जलाशयों की भंडारण क्षमता 61 प्रतिशत थी, जिसकी तुलना में गतवर्ष के दौरान इनकी भंडारण क्षमता 70 प्रतिशत रही। इस प्रकार पिछले वर्ष की संबंधित अवधि के मुकाबले चालू वर्ष में भंडारण कम रहा किन्तु पिछले दस वर्षों की संबंधित अवधि के औसत भंडारण से बेहतर रहा।
पश्चिम क्षेत्र
पश्चिम क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 22 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 24.54 बीसीएम है। इन जलाशयों में कुल जल का भंडारण 15.12 बीसीएम है जो इन जलाशयों की भंडारण क्षमता का 62 प्रतिशत है। पिछले दस वर्षों की संबंधित अवधि के दौरान इन जलाशयों की औसत भंडारण क्षमता 68 प्रतिशत थी। और गतवर्ष के दौरन यह भंडारण 74 प्रतिशत था। इस प्रकार चालू वर्ष के दौरान पिछले वर्ष के भंडारण के मुकाबले जल भंडारण कम रहा और इसी प्रकार पिछले दस वर्षों के औसत भंडारण से भी कम रहा।
मध्य क्षेत्र
मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 12 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 42.30 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल जल का भंडारण 30.61 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 72 प्रतिशत है। इन जलाशयों की भंडारण क्षमता पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि में 56 प्रतिशत था और गतवर्ष संबंधित अवधि में जल का भंडारण 83 प्रतिशत था। इस प्रकार चालू वर्ष के दौरान जल भंडारण पिछले वर्ष के मुकाबले कम रहा किन्तु पिछले दस वर्षों के औसत भंडारण से बेहतर रहा।
दक्षिण क्षेत्र
दक्षिण क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में 30 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 51.37 बीसीएम है। इन जलाशयों में उपलब्ध कुल भंडारण क्षमता 31.18 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 61 प्रतिशत है। पिछले दस वर्षों की संबंधित अवधि के दौरान इन जलाशयों की औसत भंडारण क्षमता 73 प्रतिशत थी और गतवर्ष के दौरान यह भंडारण 78 प्रतिशत था। इस प्रकार गतवर्ष की संबंधित अवधि की अपेक्षा वर्तमान वर्ष के दौरान जल का भंडारण कम रहा और पिछले दस वर्षों के दौरान संबंधित अवधि के औसत भंडारण से यह कम है।
झारखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्यों में संबंधित अवधि के लिए गतवर्ष की तुलना में बेहतर भंडारण रहा। वहीं दूसरी और, संबंधित अवधि के लिए हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पिछले वर्ष की तुलना में कम भंडारण रहा।
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